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भारत में किस आधार पर किसी पार्टी को राष्ट्रीय व क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा मिलता है तथा राष्ट्रीय व क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के नाम बतायें

India, on which basis does a party get status of national and regional parties, and the names of national and regional political parties? (Author: R. Ranjan)


भारत का निर्वाचन आयोग, देश में चुनाव लड़ने के लिए राजनीतिक दलों को पंजीकृत करता है और चुनाव में उनके प्रदर्शन के आधार पर उनको राष्ट्रीय या प्रदेश स्तरीय राजनीतिक दल के रूप में मान्यता प्रदान करता है। अन्य दलों को केवल पंजीकृत किया जाता है लेकिन गैर मान्यता प्राप्त दल घोषित किया जाता है।

भारत का निर्वाचन आयोग जिन राजनीतिक दलों को मान्यता देता है उनको कुछ विशेष अधिकार और सुविधाएँ भी देता है जैसे, पार्टी को चुनाव चिन्ह का आवंटन करना, निर्वाचन सूचियों को प्राप्त करने की सुविधा, चुनाव के कुछ समय पहले उन्हें राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर टेलीविजन और रेडियो प्रसारण करने की अनुमति देना ताकि वे अपनी बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचा सकें।


राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता पाने के लिए शर्तें:-

एक मान्यता प्राप्त पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा तभी प्रदान किया जा सकता है यदि वह निम्नलिखित तीन में से किसी एक शर्त को पूरा करती है:-

1. यदि कोई पार्टी कम से कम 3 विभिन्न राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 2% सीटें (2014 के चुनाव के अनुसार 11 सीटें) जीतती है। या

2. यदि कोई पार्टी 4 लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा या विधान सभा चुनाव में चार राज्यों में 6% वोट प्राप्त करती है। या

3. यदि कोई पार्टी चार या चार से अधिक राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी के रूप में मान्यता रखती है।


राज्य स्तरीय दल या क्षेत्रीय पार्टी की मान्यता पाने के लिए शर्तें:-

एक मान्यता प्राप्त पार्टी को क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा तभी प्रदान किया जा सकता है यदि वह निम्नलिखित शर्तों में किसी एक शर्त को पूरा करती है:-

1. यदि कोई पार्टी राज्य विधानसभा की कुल सीटों में से कम-से-कम 3% सीट या कम-से-कम 3 सीटें, जो भी ज्यादा हो प्राप्त करती है। या

2. यदि कोई पार्टी लोकसभा के लिए उस राज्य के लिए आवंटित प्रत्येक 25 सीटों या उस संख्या की किसी भिन्न के पीछे कम से कम 1 सीट प्राप्त करती है। या

3. यदि कोई पार्टी लोकसभा या राज्य विधानसभा के चुनाव में कुल वैध मतों में से कम से कम 6% मत प्राप्त करती है और साथ ही कम से कम 1 लोकसभा सीट या 2 विधानसभा सीट जीतती है। या

4. एक अन्य मापदंड के अनुसार यदि कोई पार्टी लोकसभा या राज्य विधानसभा के आम चुनाव में किसी राज्य में एक भी सीट जीतने में विफल रहती है लेकिन वह उस राज्य में डाले गए कुल वैध मतों में से 8% मत प्राप्त करती है, तो उस राज्य में उस पार्टी को क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा दिया जा सकता है।

आम चुनावों के प्रदर्शन के आधार पर मान्यता प्राप्त दलों की संख्या बदलती रहती है। 13 अप्रैल 2018 की तारीख में चुनाव आयोग की वेबसाइट पर राष्ट्रीय दलों की संख्या 7, राज्य स्तरीय दलों की संख्या 24 और गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दलों की संख्या 2044 थी।

भारत में राजनीतिक प्रणाली में कई राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दल शामिल है। चुनाव आयोग ने 13 अप्रैल, 2018 तक भारत में राजनीतिक दलों को तीन समूहों अर्थात 7 राष्ट्रीय दल, 24 क्षेत्रीय दल और 2044 गैर मान्यता प्राप्त दलों में बाँटा है। जो भी राजनीतिक दल स्थानीय स्तर, राज्य स्तर या राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव लड़ने के इच्छुक होते हैं उनका भारतीय निर्वाचन आयोग (EIC) में पंजीकृत होना आवश्यक है।

भारत में 2016 तक केवल 6 दलों को राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त थी, लेकिन 2016 में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता देने के कारण अब यह संख्या 7 हो गई है।



राष्ट्रीय दलों के नाम                     गठन/स्थापना

भारतीय जनता पार्टी (BJP)             1980

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)           1885

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM)   1964

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI)        1925

बहुजन समाज पार्टी (BSP)             1984

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP)           1999

तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC)            1998


भारत में बहुदलीय प्रणाली बहु-दलीय पार्टी व्यवस्था है जिसमें छोटे क्षेत्रीय दल अधिक प्रबल हैं। राष्ट्रीय पार्टियां वे हैं जो चार या अधिक राज्यों में मान्यता प्राप्त हैं। भारत में इस समय  24 क्षेत्रीय दल है–

क्षेत्रीय दलों के नाम                                               गठन        राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश

आम आदमी पार्टी (AAP)                                        2012          दिल्ली, पंजाब

ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK)      1972          पुदुचेरी, तमिलनाडु

ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB)                          1939          पश्चिम बंगाल

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) 1927          तेलंगाना

ऑल इंडिया एन. आर. कांग्रेस (AINRC)                    2011          पुदुचेरी

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF)         2004         असम

ऑल झारखण्ड स्टूडेंट यूनियन (AJSU)                      1986          झारखण्ड

असम गण परिषद (AGP)                                        1985          असम

बीजू जनता दल (BJD)                                            1997          ओडिशा

बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF)                                    1985          असम

देसिया मुरपोक्कु द्रविड़ कड़गम (DMDK)                   2005          तमिलनाडु

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK)                                    1949          पुदुचेरी, तमिलनाडु

हरियाणा जनहित कांग्रेस (बीएल) (HJC(BL))              2007          हरियाणा

हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (HSPDP)             1968          मेघालय

इन्डियन नेशनल लोक दल (INLD)                            1999          हरियाणा

इन्डियन नेशनल मुस्लिम लीग (IUML)                       1948          केरल

जम्मू-कश्मीर नेशनल कान्फ्रेंस (JKNC)                     1932          जम्मू-कश्मीर

जम्मू-कश्मीर नेशनल पेंथर्स पार्टी (JKNPP)               1982          जम्मू-कश्मीर

जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (JKPDP)       1998          जम्मू-कश्मीर

जनता दल (सेक्युलर) (JD(S))                                1999          कर्नाटक, केरल

जनता दल (यूनाइटेड) (JD(U))                               1999          बिहार

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (JMM)                                 1972          झारखण्ड

झारखण्ड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) (JVM(P))        2006          झारखण्ड

केरल कांग्रेस (एम) (KC(M))                                 1979          केरल

लोक जनशक्ति पार्टी (LJP)                                   2000          बिहार

महाराष्ट नवनिर्माण सेना (MNS)                            2006          महाराष्ट्र

महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP)                       1963          गोवा

मणिपुर स्टेट कांग्रेस पार्टी (MSCP)                        1997          मणिपुर

मिजो नेशनल फ्रंट (MNF)                                    1959          मिजोरम

मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस (MPC)                            1972          मिजोरम

नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF)                                      2002          मणिपुर, नागालैंड

नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP)                                  2013         मेघालय

पट्टाली मक्कल काची (PMK)                                1989          पुदुचेरी, तमिलनाडु

अरुणाचल पीपुल्स पार्टी (PPA)                              1987          अरुणाचल प्रदेश

राष्ट्रीय जनता दल (RJD)                                      1997           बिहार, झारखण्ड

राष्ट्रीय लोक दल (RLD)                                       1996          उत्तर प्रदेश

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP)                          2013          बिहार

रिवोल्यूशनरी सोशिलिस्ट पार्टी (RSP)                    1940          केरल, पश्चिम बंगाल

समाजवादी पार्टी (SP)                                        1992          उत्तर प्रदेश

शिरोमणि अकाली दल (SAD)                              1920          पंजाब

शिव सेना (SS)                                                  1966          महाराष्ट्र

सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF)                          1993          सिक्किम

सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM)                         2013          सिक्किम

तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS)                                 2001          तेलंगाना

तेलगू देशम पार्टी (TDP)                                     1982          आंध्र प्रदेश, तेलंगाना

यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (UDP)                        1972          मेघालय

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP)                      2011          आंध्र प्रदेश, तेलंगाना

समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय) (SJP)                 1990           उत्तर प्रदेश


याद रखें कि राष्ट्रीय या राज्य की पार्टी के रूप में मान्यता मिलने के बाद उस पार्टी के चुनाव चिह्न का उपयोग कोई अन्य पार्टी देश भर में नहीं कर सकती। इसके अलावा ऐसे दलों को अपने कार्यालय स्थापित करने के लिए सरकार की ओर से भूमि या भवन दिए जाते हैं। चुनावों में ऐसे दल 40 स्टार प्रचारक रख सकते हैं जबकि अन्य दल 20 स्टार प्रचारक रख सकते हैं।

साथ ही, चुनाव आयोग ने 22 अगस्त को एक नियम में संशोधन किया था जिसके तहत वह किसी राष्ट्रीय या राज्य की पार्टी के दर्जे की समीक्षा पांच साल के बदले 10 साल में करेगा।