The hump-backed mahseer, found in the waters of the Cauvery, has been added to the Red List as Critically
हाल ही में इन्टरनेशनल यूनियन फॉर कन्सेरवेशन ऑफ नेचर ( IUCN) द्वारा भारतीय कूबड़ युक्त महाशीर मछली विलुप्त प्राय प्रजाति घोषित किया गया है। टाईगर ऑफ वाटर के नाम से भी विख्यात यह मछली कॉवेरी नदी बेसिन के साथ-साथ केरल की पेंबार, काबिनी तथा भवानी नदियों में पायी जाती है।
➦ भारत में महाशीर की लगभग 16 प्रजातियां पाई जाती हैं।
➦ इस मछली की अधिकतम लम्बाई 150 सेमी. तथा वजन लगभग 90 किलोग्राम होता है।
➦ भारतीय महाशीर को आई.यू.सी.एन की नवम्बर, 2018 में अपडेट की गई रेड लिस्ट में वर्णित 229 विलुप्त प्रजातियों में सम्मिलित किया गया है।
आईयूसीएन लाल सूची
संकटग्रस्त जातियों की IUCN लाल सूची जिसे IUCN लाल सूची या रेड डाटा सूची भी कहते हैं, सन् 1963 में गठित विश्व-भर में पौधों और पशुओं की जातियों की संरक्षण स्थिति की सबसे व्यापक तालिका है। अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ विश्व-स्तर पर विभिन्न जातियों की संरक्षण-स्थिति पर निगरानी रखने वाला सर्वोच्च संगठन है।
क्षेत्रीय लाल सूचियों की एक आईयूसीएन
शृंखला विश्व के विभिन्न देशों तथा संगठनों द्वारा किसी एक राजनीतिक प्रबंधन इकाई के अंतर्गत जातियों के विलुप्त होने के जोखिम का आकलन कर, तैयार की जाती हैं।
आईयूसीएन कि लाल सूची में हर जीव जाति को नौ में से एक श्रेणी में डाला जाता है।
यह श्रेणीकरण उनकी कुल आबादी, आबादी में गिरावट के दर, भौगोलिक विस्तरण के क्षेत्र और उनके क्षेत्र (मानवीय गतिविधियों द्वारा) छितरे जाने की हद के आधार पर किया जाता है।
यह श्रेणियाँ इस प्रकार हैं:-
विलुप्त
जाति का कोई भी जीवित सदस्य नहीं बचा है।
वन विलुप्त
जाति वनों से पूर्णतः खत्म हो चुकी है और इसके बचे हुए सदस्य केवल चिड़ियाघरों या अपने मूल निवास स्थान से अलग किसी कृत्रिम निवास स्थान पर ही जीवित हैं।
घोर संकटग्रस्त
जाति का वनों से विलुप्त होने का घोर खतरा बना हुआ है।
संकटग्रस्त
जाति का वनों से विलुप्त होने का खतरा बना हुआ है।
असुरक्षित
जाति की वनों में संकटग्रस्त हो जाने की संभावना है।
संकट निकट
जाति की निटक भविष्य में संकटग्रस्त हो जाने की संभावना है
संकटमुक्त
जाति को बहुत कम खतरा है - बड़ी तादाद और विस्तृत क्षेत्र में पाई जाने वाली जाति।
आंकड़ों का अभाव
जाति के बारे में आंकड़ों की कमी से उसकी संरक्षण स्थिति और संकट का अनुमान नहीं लगाया जा सकता।
अनाकलित
जाति की संरक्षण स्थिति का अ॰प्र॰स॰स॰ के संरक्षण मानदंड पर आँकन अभी नहीं किया गया ।