How to recognize that the monsoon has come or is now over
कैसे पता करते हैं कि मानसून आ गया है?
इसके लिए तीन पैरामीटर होते हैं :
1. बारिश : भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने तटीय इलाकों में 14 लोकेशन तय कर रखी हैं। इनमें 11 केरल (तिरुवनंतपुरुम, पुनलुर, कोल्लम, अलप्पूझा, कोट्यम, त्रिशूर, कोचि, कोझीकोड, थियासरी, कन्नुर और कुडूलू), 2 लक्षद्वीप (मिनी कॉय और अमिनी दिवी) और एक कर्नाटक (मेंगलौर) में हैं। इन 14 लोकेशनों के कम से कम 60 फीसदी लोकेशनों पर (यानी कम से 9 लोकेशनों) पर लगातार दो दिन तक कम से कम 2.5 ML बारिश होनी चाहिए।
2. हवा : इन क्षेत्रों में हवा दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहने लगे और उसकी गति 25 से 30 किमी प्रति घंटा हो।
3. रेडिएशन : मौसम विज्ञान की भाषा में इसे OLR यानी आउटगोइंग लांगवेव रेडिएशन कहते हैं। इसकी मात्रा इन स्पेसिफिक लोकेशन में 200 वॉट स्क्वेअर मीटर से कम होनी चाहिए। इसका मतलब यह होता है कि जमीन के ऊपर बादल बनने शुरू हो गए हैं और उसके सूरज से आने वाले रेडिएशन को रोकना शुरू कर दिया है। (www.ekawaz18.com)
कैसे पहचानें कि अब मानसून खत्म होने का समय आ गया है?
पूरा खेल हवाओं का होता है। हवाओं की गति जब दक्षिणी-पश्चिमी होती है तो मानसून की शुरुआत होती है। इसीलिए इसे दक्षिणी-पश्चिमी मानसून कहते हैं। जब हवाओं की गति बदलकर उत्तर-पूर्व हो जाती है तो यह मानसून के खत्म होने का संकेत होता है। हवाओं में बदलाव को मौसम वैज्ञानिक ही समझ सकते हैं, लेकिन आम लोगों के लिए सबसे बड़ा संकेत यह होता है कि वातावरण में नमी कम होने लगती है।