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44 साल पहले आज के दिन ही लगी थी इमरजेंसी

44th anniversary of Emergency

44th anniversary of Emergency     भारत में 25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी यानी आपातकाल लगाने की घोषणा की थी। ये दिन भारत के इतिहास में कभी भी ना बदलने वाला दिन बन गया हैं।      इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद इमरजेंसी की 'नींव' पड़ गई थी    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साल 1975 में इंदिरा गांधी को चुनाव में धांधली करने का दोषी पाया था। उसके बाद उन पर 6 सालों तक कोई भी पद संभालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इंदिरा गांधी ने कोर्ट के इस फैसले को इंकार कर दिया और फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की घोषणा की।        आपातकाल लागू हो जाने के बाद आकाशवाणी पर प्रसारित अपने संदेश में इंदिरा गांधी ने क्या कहा?    आपातकाल लागू हो जाने के बाद आकाशवाणी पर प्रसारित अपने संदेश में इंदिरा गांधी ने कहा कि जब से मैंने आम आदमी और देश की महिलाओं के फायदे के लिए कुछ प्रगतिशील कदम उठाए हैं, तभी से मेरे खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही थी। आपातकाल लागू होते ही आंतरिक सुरक्षा कानून (मीसा) के तहत राजनीतिक विरोधियों की गिरफ्तारी  की गई। इस गिरफ्तारी  में जयप्रकाश नारायण, जॉर्ज फर्नांडिस और अटल बिहारी वाजपेयी भी शामिल थे।      आपातकाल कितने समय तक लगा रहा था    भारत में 21 माह तक आपातकाल लगा रहा। भारत में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक आपातकाल था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था।      इमरजेंसी क्या है?    संविधान के Article 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल (National emergency) का प्रावधान है। इसे तब लगाया जाता है, जब देश की सुरक्षा को बाहरी आक्रमण से खतरा हो। संविधान के Article 356 के तहत राज्य का आपातकाल (State Emergency) का प्रावधान है। इसे तब लगाया जाता है, जब राज्य में संवैधानिक मशीनरी फेल हो गई हो। इस इमरजेंसी को राष्ट्रपति शासन या President Rule भी कहा जाता है।      राष्ट्रीय आपातकाल तीन बार लगाया गया    भारत में राष्ट्रीय आपातकाल (National emergency) तीन बार लगाया गया। पहली बार साल 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान, दूसरी बार साल 1971 में पाकिस्तान से युद्ध के दौरान तथा तीसरी बार साल 1975 में इंदिरा गांधी के शासनकाल में।      आंतरिक गड़बड़ियों की आशंका को आधार बनाकर आपातकाल लगा था    25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आंतरिक गड़बड़ियों की आशंका को आधार बनाकर आपातकाल लगा दिया था। इसे एक तानाशाही फैसला कहा जाता है, क्योंकि देश में इमरजेंसी लगाने के आदेश पर कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही राष्ट्रपति के हस्ताक्षर ले लिए गए थे। अगली ही सुबह विपक्ष के सभी बड़े नेताओं को जेल के अंदर डाल दिया गया था। देश में जो भी सरकार की आलोचना कर रहा था उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।

भारत में 25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी यानी आपातकाल लगाने की घोषणा की थी। ये दिन भारत के इतिहास में कभी भी ना बदलने वाला दिन बन गया हैं।


इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद इमरजेंसी की 'नींव' पड़ गई थी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साल 1975 में इंदिरा गांधी को चुनाव में धांधली करने का दोषी पाया था। उसके बाद उन पर 6 सालों तक कोई भी पद संभालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इंदिरा गांधी ने कोर्ट के इस फैसले को इंकार कर दिया और फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की घोषणा की।



आपातकाल लागू हो जाने के बाद आकाशवाणी पर प्रसारित अपने संदेश में इंदिरा गांधी ने क्या कहा?

आपातकाल लागू हो जाने के बाद आकाशवाणी पर प्रसारित अपने संदेश में इंदिरा गांधी ने कहा कि जब से मैंने आम आदमी और देश की महिलाओं के फायदे के लिए कुछ प्रगतिशील कदम उठाए हैं, तभी से मेरे खिलाफ गहरी साजिश रची जा रही थी। आपातकाल लागू होते ही आंतरिक सुरक्षा कानून (मीसा) के तहत राजनीतिक विरोधियों की गिरफ्तारी  की गई। इस गिरफ्तारी  में जयप्रकाश नारायण, जॉर्ज फर्नांडिस और अटल बिहारी वाजपेयी भी शामिल थे।


आपातकाल कितने समय तक लगा रहा था

भारत में 21 माह तक आपातकाल लगा रहा। भारत में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक आपातकाल था तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था।


इमरजेंसी क्या है?

संविधान के Article 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल (National emergency) का प्रावधान है। इसे तब लगाया जाता है, जब देश की सुरक्षा को बाहरी आक्रमण से खतरा हो। संविधान के Article 356 के तहत राज्य का आपातकाल (State Emergency) का प्रावधान है। इसे तब लगाया जाता है, जब राज्य में संवैधानिक मशीनरी फेल हो गई हो। इस इमरजेंसी को राष्ट्रपति शासन या President Rule भी कहा जाता है।


राष्ट्रीय आपातकाल तीन बार लगाया गया

भारत में राष्ट्रीय आपातकाल (National emergency) तीन बार लगाया गया। पहली बार साल 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान, दूसरी बार साल 1971 में पाकिस्तान से युद्ध के दौरान तथा तीसरी बार साल 1975 में इंदिरा गांधी के शासनकाल में।


आंतरिक गड़बड़ियों की आशंका को आधार बनाकर आपातकाल लगा था

25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आंतरिक गड़बड़ियों की आशंका को आधार बनाकर आपातकाल लगा दिया था। इसे एक तानाशाही फैसला कहा जाता है, क्योंकि देश में इमरजेंसी लगाने के आदेश पर कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही राष्ट्रपति के हस्ताक्षर ले लिए गए थे। अगली ही सुबह विपक्ष के सभी बड़े नेताओं को जेल के अंदर डाल दिया गया था। देश में जो भी सरकार की आलोचना कर रहा था उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।