Subscribe Us

header ads

बिहार में रूफटॉप गार्डनिंग योजना की स्वीकृति: अब घर की छतों पर उगेंगी सब्जियां, सरकार देगी 50%

बिहार में रूफटॉप गार्डनिंग योजना की स्वीकृति


शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण संतुलन के लिए बिहार सरकार की योजना

बिहार सरकार ने अब शहर में हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए घरों की छतों पर बागवानी करने की योजना बनाई है, जिसमें अब घर की छतों पर लोग सब्जी का उत्पादन कर सकते हैं। इसके लिए सरकार 50 प्रतिशत अनुदान भी देगी। कृषि विभाग की 'रूफटॉप गार्डनिंग' नामक यह योजना पहले चरण में राज्य के पांच शहरों- पटना, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर और बिहारशरीफ में लागू होगी। प्रयोग सफल रहने पर बाद में इसे अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा। सब्जी उपजाने के लिए न ज्यादा मिट्टी की जरूरत होगी और न ही सिंचाई के लिए ज्यादा पानी की जरूरत पड़ेगी। लाभार्थियों को प्लास्टिक सीट, पॉट, कंटेनर, ट्रे, बीज आदि दिए जाएंगे। एक व्यक्ति को एक ही इकाई दी जाएगी। सरकार का मानना है कि इस योजना के सफल होने के बाद शहर के लोगों को भी हरी और ताजा सब्जियां मिल सकेंगी तथा शहरी क्षेत्रों में पयार्वरण संतुलन बनाने में भी मदद मिले, “शहरी क्षेत्रों की भाग-दौड़ की जिंदगी में हरित क्षेत्र तैयार करने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने घर की छतों पर बागवानी को प्रोत्साहन देने की योजना को स्वीकृति दी है। छतों पर बागवानी करने के लिए प्रति 300 वर्ग फीट में कुल लागत 50 हजार रुपये के साथ ‘रूफटॉप गार्डनिंग’ योजना स्वीकृत की गई है। इस योजना के तहत राज्य सरकार 50 प्रतिशत और अधिकतम 25 हजार रुपये प्रति इकाई अनुदान देगी।”

इन सब्जियों की सिंचाई अपेक्षाकृत कम पानी में की जा सकेगी, जिससे पानी की मात्रा भी ज्यादा उपयोग नहीं हो सकेगा। , “रूफटॉप गार्डनिंग के लिए छत पर शेड नेट का भी निमार्ण किया जाएगा। रूफटॉप गार्डन बहुत ही आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए विकसित किया जाएगा। छत पर प्लास्टिक शीट बिछाई जाएगी। इसमें खरीफ, रबी और जायद मौसम के लिए सब्जी के बीज व पौध लगेंगे।” इनमें औषधीय एवं सुगंधित पौधे भी लगाए जाएंगे। फूल, ऑरनामेंटल इंडोर और आउटडोर प्लांट लगाए जाएंगे। उद्यान निदेशलय के मुताबिक, छत पर बागवानी विकसित करने से सेहत संबंधी कई फायदे होंगे। घर पर उगी सब्जियां आग्रेनिक होंगी या इसमें काफी संतुलित मात्रा में जैविक खाद डाला जाएगा। इससे बाजार में बिकने वाली रासायनिक खाद से उपजी सब्जियां खाने की मजबूरी नहीं रह जाएगी, जिससे खाने वाले की सेहत बेहतर रहेगी। राज्य के स्कूलों के लिए भी इसी तरह की योजना बनाई गई है।

राज्य के पांचवीं और आठवीं कक्षा स्तर तक के 20 हजार स्कूलों में ‘पोषण वाटिका’ विकसित करने की योजना बनाई है। इसके तहत राज्य के इन 20 हजार स्कूलों से जमीन और चाहरदीवारी का ब्यौरा मांगा गया है, जहां सब्जियों का उत्पादन किया जा सकता है। इनमें जैविक ढंग से सब्जियों का उत्पादन किया जाएगा और इन सब्जियों का उपयोग मध्याह्न भोजन में किया जाएगा।

इसके लिए प्रत्येक स्कूलों में खेती के समान खरीदने के लिए सरकार द्वारा पैसे दिए जाएंगे और इनमें स्कूली बच्चे भी शिक्षकों की मदद करेंगे। इसके लिए सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को निदेर्श जारी किए गए हैं। जिलों के सभी प्रखंडों में स्कूलों का सवेर्क्षण कर जमीन उपलब्धता और चाहरदीवारी की स्थिति का विवरण मांगा गया है।