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भारत के सभी टोल प्लाजा ‘फास्ट टैग्स लेन्स’ घोषित

All Toll Plaza in country declared fast tag 


सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा भारत के सभी टोल प्लाजा इस वर्ष से ‘फास्ट लेन्स’ घोषित किये गये हैं मंत्रालय का यह निर्णय इस वर्ष 01 दिसम्बर से सभी स्थानों पर लागू होगा वर्तमान समय में राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दर निर्धारण एवं संग्रह) नियम, 2008 के तहत टोल प्लाजा में फास्ट टैग लेन केवल फास्ट टैग उपयोगकर्ताओं की आवाजाही के लिए आरक्षित होती है। इस नियम के अंतर्गत एक ऐसा प्रावधान भी है, जिसके अंतर्गत गैर- फास्ट टैग उपयोगकर्ताओं द्वारा फास्ट टैग लेन्स से गुजरने पर उनसे दोहरा शुल्क वसूला जाता है

मंत्रालय द्वारा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को भेजे पत्र में कहा गया है कि टोल प्लाजा पर उपरोक्त शुल्क नियमों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए हालांकि प्रत्येक टोल प्लाजा पर ओवर डाइमेन्शनल अथवा बहुत बड़े आकार वाले वाहनों की सुगमता और निगरानी के लिए एक हाईब्रिड लेन की अनुमति होगी, जहाँ फास्ट टैग और भुगतान के अन्य माध्यम स्वीकार किए जाएंगे. यह लेन समयबद्ध रूप से फास्ट टैग लेन में परिवर्तित की जाएगी


डिजिटल भुगतान को बढ़ावा

टोल प्लाजा को फास्ट टैग करने का सबसे बड़ा कारण डिजिटल माध्यम से शुल्क के त्वरित भुगतान को बढ़ावा देने के लिए किया गया है ताकि वाहनों की सुचारू आवाजाही हो सके और टोल प्लाजा पर लगने वाले ट्रैफिक जाम को रोका जा सके

 आरएफआईडी आधारित फास्ट टैग वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाए जाते हैं यह टैग प्रीपेड अथवा सम्बद्ध बचत खाते से शुल्क के सीधे भुगतान की अनुमति देता है और वाहनों को लेनदेन के लिए रुके बगैर आगे बढ़ने में समर्थ बनाता है

 ऐसा भी पाया गया है कि वर्तमान में गैर-फास्ट टैग उपयोगकर्ता भी फास्ट टैग लेन्स से गुजरते हैं और नकद भुगतान करते हैं

 इसकी वजह से फास्ट टैग लेन्स पर भीड़ होती है और प्लाजा पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है और इस प्रकार फास्ट टैग्स लगाने का उद्देश्य ही विफल हो जाता है

 इसके परिणामस्वरूप फास्ट टैग्स के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक टोल उगाही में वांछित वृद्धि नहीं हुई है


निर्णय लागू करने की प्रक्रिया

इस निर्णय के सुचारू कार्यान्वयन के लिए मंत्रालय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से देशभर में फास्ट टैग्स की समग्र आवश्यकता का आकलन करने और इन्हें आवश्यक संख्या में उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। 01 दिसंबर, 2019 से इसके कार्यान्वयन से पहले समस्त टोल प्लाजा पर आवश्यक नागरिक एवं इलेक्ट्रॉनिक अवसंरचना का प्रावधान किया जाएगा प्राधिकरण से उन लॉजिस्टिक और अन्य समस्याओं की पहचान और समाधान करने को कहा गया है, जिनसे किसी भी तरह की कानून और व्यवस्था की समस्या हो सकती है।