Indonesia releases special stamp on Ramayana theme
इंडोनेशिया ने भारत के साथ अपने राजनयिक संबंधों के 70 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 23 अप्रैल 2019 को रामायण की थीम पर विशेष स्मारक डाक टिकट जारी किया। इन 70 सालों के दौरान भारत और इंडोनेशिया के बीच मजबूत रणनीतिक रिश्ते रहे हैं। इंडोनेशिया में स्थित भारतीय दूतावास की ओर से जारी बयान के अनुसार इस स्टांप का डिजाइन इंडोनेशिया के जाने-माने मूर्तिकार बपक न्योमन नुआर्ता ने तैयार किया है।
डाक टिकट पर रामायण की घटना अंकित है, जिसमें जटायु सीता को बचाने के लिये बहादुरी से लड़ते हुए नजर आ रहे हैं।
मुख्य बिंदु
➦ भारत-इंडोनेशिया के राजनयिक संबंधों के 70 साल पूरा होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत और इंडोनेशिया के उप विदेश मंत्री अब्दुर्रहमान मोहम्मद फकीर ने हिस्सा लिया।
➦ यह कार्यक्रम संयुक्त रूप से दोनों देशों ने आयोजित किया था. इस मौके पर सीमित संस्करण वाले ये विशेष स्मारक डाक टिकट कार्यक्रम में मौजूद लोगों को बांटे गए।
➦ साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंडोनेशिया दौरे के दौरान यह तय किया गया था कि दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों को 70 साल पुरे होने पर जश्न मनाएंगे।
➦ इस कार्यक्रम में साल 1949 से साल 2019 तक भारत-इंडोनेशिया संबंधों के कुछ खास पलों को प्रदर्शित करते हुए एक विशेष तस्वीर दिखाई गई।
90 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया पर रामायण की गहरी छाप है। रामकथा इंडोनेशिया की सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा है। रामायण को वहाँ रामायण ककविन (काव्य) कहा जाता है। रामायण के चरित्रों का इस्तेमाल वहाँ के स्कूलों में शिक्षा देने के लिए भी किया जाता है।
भारत-इंडोनेशिया संबंध
➦ इंडोनेशिया से कच्चे पाम ऑयल का आयात करने वाला भारत सबसे बड़ा देश है तथा वहाँ से कोयला, खनिजों, रबड़, लुग्दी एवं कागज का आयात करता है। भारत परिष्कृत प्रेट्रोलियम उत्पादों, मक्का, वाणिज्यिक वाहनों, दूर संचार के उपकरणों, तिलहनों, पशु आहार, कपास, स्टील के उत्पादों तथा प्लास्टिक आदि का इंडोनेशिया को निर्यात करता है।
➦ वर्तमान समय में भारत और इंडोनेशिया के मध्य रक्षा और सुरक्षा सहयोग सुदृढ़ हुए हैं। व्यापारिक एवं आर्थिक क्षेत्र में भारतीय कम्पनियों ने इंडोनेशिया में अवसंरचना, विद्युत, कपड़ा, इस्पालत, ऑटोमोटिव, खनन, बैंकिंग तथा एफएमजीसी क्षेत्रों में निवेश किया है।
➦ तत्काल सहयोग के लिए दोनों देश सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, समुद्री विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, जीवन विज्ञान, ऊर्जा अनुसंधान, जल प्रौद्योगिकी, आपदा प्रबंधन और आतंरिक्ष विज्ञान क्षेत्र में मिलकर काम कर रहे हैं।