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भारत और फ्रांस के मध्य वरुण-19 नौसेनिक युद्धाभ्यास आयोजित किया जायेगा

  भारत और फ्रांस के मध्य मई 2019 में वरुण-19 नौसैनिक युद्धाभ्यास आयोजित किया जाएगा। इस दौरान विभिन्न परिस्थितियों में कुशलतापूर्वक एवं संयम के साथ पराक्रम दिखाने पर नौसेना द्वारा अभ्यास किया जायेगा।    गौरतलब है कि भारत और फ्रांस के बीच संयुक्त नौसेनिक युद्धाभ्यास 'वरुण-2018', 19 मार्च 2018 को गोवा के वास्को डी गामा स्थित मार्मागोवा पोर्ट ट्रस्ट पर आयोजित किया गया था. यह युद्धाभ्यास गोवा के तट से दूर, अरब सागर में आयोजित किया गया था।      ‘वरुण-2019’ के मुख्य बिंदु    ➦ इस अभ्यास में भारत मिग-29K लड़ाकू विमानों के साथ अपने एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य का उपयोग करेगा।    ➦ फ्रांस की ओर से इस अभ्यास में एयरक्राफ्ट कैरियर FNS चार्ल्स डी गॉल तथा राफेल-एम नैवेल जेट्स हिस्सा लेंगे।    ➦ इस अभ्यास में फ्रांस की ओर से FNS फोर्बिन, FNS प्रोवेंस, FNS लातूशे त्रेविल, परमाणु पनडुब्बी, FNS अमेथिस्ट, टैंकर FNS मारने इत्यादि हिस्सा ले रहे हैं।    ➦ भारत की ओर से इस अभ्यास में डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी आईएनएस शंकुल, गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस चेन्नई, स्टेल्थ फ्रिगेट आईएनएस तरकश, टैंकर आईएनएस दीपक, P-8I लम्बी दूरी का गश्ती एयरक्राफ्ट तथा डोर्निएर-228 विमान हिस्से ले रहे हैं।    ➦ वरुण एक उच्च स्तरीय नौसैनिक अभ्यास है, इसमें पनडुब्बी रोधी अभ्यास का आयोजन भी किया जाएगा।      पृष्ठभूमि    दोनों देशों के मध्य 1998 में सामरिक संबंधों की स्थापना की गई। इसके बाद भारत और फ्रांस के द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती देखने को मिली है। भारत को फ्रांस के मध्य पहले भी युद्धाभ्यास कराये जाते रहे हैं। भारत और फ्रांस की नौसेना में मध्य वर्ष 1983 से नौसेनिक युद्धाभ्यास चला आ रहा है. इन्हें वर्ष 2001 से वरुण युद्धाभ्यास के नाम से जाना जाने लगा।

भारत और फ्रांस के मध्य मई 2019 में वरुण-19 नौसैनिक युद्धाभ्यास आयोजित किया जाएगा इस दौरान विभिन्न परिस्थितियों में कुशलतापूर्वक एवं संयम के साथ पराक्रम दिखाने पर नौसेना द्वारा अभ्यास किया जायेगा।

गौरतलब है कि भारत और फ्रांस के बीच संयुक्त नौसेनिक युद्धाभ्यास 'वरुण-2018', 19 मार्च 2018 को गोवा के वास्को डी गामा स्थित मार्मागोवा पोर्ट ट्रस्ट पर आयोजित किया गया था. यह युद्धाभ्यास गोवा के तट से दूर, अरब सागर में आयोजित किया गया था।


‘वरुण-2019’ के मुख्य बिंदु

इस अभ्यास में भारत मिग-29K लड़ाकू विमानों के साथ अपने एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य का उपयोग करेगा

➦ फ्रांस की ओर से इस अभ्यास में एयरक्राफ्ट कैरियर FNS चार्ल्स डी गॉल तथा राफेल-एम नैवेल जेट्स हिस्सा लेंगे

➦ इस अभ्यास में फ्रांस की ओर से FNS फोर्बिन, FNS प्रोवेंस, FNS लातूशे त्रेविल, परमाणु पनडुब्बी, FNS अमेथिस्ट, टैंकर FNS मारने इत्यादि हिस्सा ले रहे हैं

➦ भारत की ओर से इस अभ्यास में डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी आईएनएस शंकुल, गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर आईएनएस चेन्नई, स्टेल्थ फ्रिगेट आईएनएस तरकश, टैंकर आईएनएस दीपक, P-8I लम्बी दूरी का गश्ती एयरक्राफ्ट तथा डोर्निएर-228 विमान हिस्से ले रहे हैं

➦ वरुण एक उच्च स्तरीय नौसैनिक अभ्यास है, इसमें पनडुब्बी रोधी अभ्यास का आयोजन भी किया जाएगा


पृष्ठभूमि

दोनों देशों के मध्य 1998 में सामरिक संबंधों की स्थापना की गई इसके बाद भारत और फ्रांस के द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती देखने को मिली है भारत को फ्रांस के मध्य पहले भी युद्धाभ्यास कराये जाते रहे हैं। भारत और फ्रांस की नौसेना में मध्य वर्ष 1983 से नौसेनिक युद्धाभ्यास चला आ रहा है. इन्हें वर्ष 2001 से वरुण युद्धाभ्यास के नाम से जाना जाने लगा