India extends USD 1 billion line of credit for development of Russia's Far East
Eastern Economic Forum (पूर्वी आर्थिक मंच): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 05 सितंबर 2019 को कहा कि भारत रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र के विकास हेतु उसके साथ मिलकर काम करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने संसाधन से भरपूर क्षेत्र के विकास हेतु रूस को एक अरब डॉलर की कर्ज सुविधा देने की घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी ने रूस दौर के आखिरी दिन 05 सितंबर को पांचवें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (Eastern Economic Forum) के मंच पर पूरे विश्व के सामने भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने फोरम को संबोधित करते हुए कहा की भारत, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है।
भारत और पूर्वी हिस्से का रिश्ता काफी पुराना
भारत पूर्वी हिस्से में विकास के लिए एक अरब डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट देगा। भारत और पूर्वी हिस्से का रिश्ता काफी पुराना है। भारत पहला देश है जिसने यहां पर अपना दूतावास खोला है. प्रधानमंत्री मोदी रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र (फार ईस्ट रीजन) की यात्रा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री है।
वे यहाँ रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ 20वें भारत-रूस सालाना शिखर सम्मेलन और पांचवें पूर्वी आर्थिक मंच की बैठक में भाग लेने हेतु आये हैं। यह मंच रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र में व्यापार के विकास तथा निवेश के अवसरों पर केंद्रित है।
भारतीय कंपनियां वहां निवेश करें
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रूस चाहता है कि भारतीय कंपनियां वहां निवेश करें। भारत और रूस के मध्य ऊर्जा और स्वास्थ्य जैसे 50 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी का यह रूस दौरा काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दौरान दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
लाइन ऑफ क्रेडिट क्या है?
लाइन ऑफ क्रेडिट एक प्रकार का फंड है जिससे ऋण आम तौर पर कंपनियों या सरकारी संस्थानों को दिया जाता है। ये ऋण बैंको या वित्तीय संस्थानों द्वारा दिया जाता है. उसे वित्तीय संस्था द्वारा निर्धारित दरों तथा निर्धारित समय-सीमा में ही चुकाना होता है। लाइन ऑफ़ क्रेडिट विशेष गतिविधियों हेतु ही उपलब्ध होता है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी आर्थिक मंच में कहा कि भारत, चीन, कोरिया, मलेशिया, जापान, मंगोलिया जैसे देशों के साथ हमारा साथ अटूट है। एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों का आने वाले दशकों में विश्व में बड़ा प्रभाव होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत सरकार 'एक्ट ईस्ट' नीति के हिस्से के तहत सक्रिय रूप से पूर्वी एशिया में काम कर रही है।