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जानें, किस वजह से हुआ था भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन

Know, why the Indian National Congress was formed


भारत में तकरीबन 49 सालों तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी का गठन स्कॉलैंड के एओ ह्यूम ने 28 दिसंबर 1885 को किया था। भारत की आजादी नहीं था कांग्रेस का लक्ष्यमूल रूप से स्कॉटलैंड निवासी आईसीएस से सेवानिवृत्त भारतीय अधिकारी एलन ऑक्टेवियन ह्यूम ने 28 दिसंबर 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन किया था। तब इस पार्टी का उद्देश्य ब्रिटेन से भारत की आजादी की लड़ाई लड़ना नहीं था। कांग्रेस का गठन देश के प्रबुद्ध लोगों को एक मंच पर साथ लाने के उद्देश्य से किया गया था ताकि देश के लोगों के लिए नीतियों के निर्माण में मदद मिल सके। थियोसॉफिल सोसायटी के 17 सदस्यों को साथ लेकर एओ ह्यूम ने पार्टी बनाई। इसका पहला अधिवेशन मुंबई में हुआ जिसकी अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी ने की थी। 


स्थापना के पीछे क्या कारण बताए गए

ऐसा माना जाता है कि लार्ड डफरिन ने ह्यूम के माध्यम से कांग्रेस की स्थापना इसलिए करवाई थी, ताकि भारतीय जनता में पनपता आक्रोश किसी तरह से खतरनाक रूप न ले सके। ऐसा  संगठन बने जो इस असंतोष को सेफ्टी वॉल्व के रूप में बाहर निकाल सके।


कांग्रेस के मूल संगठन का नाम क्या था

एओ ह्यूम ने दरअसल 1974 में ही एक संगठन की स्थापना की थी, जिसका नाम भारतीय राष्ट्रीय संघ रखा गया था। इसी का नाम अगले साल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पड़ा।


भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नाम कैसे पड़ा

भारतीय राष्ट्रीय संघ का पहला अधिवेशन 28 दिसंबर से 31 दिसम्बर 1875 तक बंबई के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत विद्यालय में आयोजित किया गया था। इसी सम्मेलन में दादाभाई नौरोजी ने संगठन का नाम बदलकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस रखने का सुझाव दिया जो स्वीकार कर लिया गया।


पहले अधिवेशन का अध्यक्ष किसको बनाया गया

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी को बनाया गया।बनर्जी कोलकाता उच्च न्यायालय के प्रमुख वकील थे।


पहले अधिवेशन में शामिल होने वाले प्रमुख सदस्य

कांग्रेस के पहले अधिवेशन में कुल 72 सदस्य शामिल हुए। जिनमें दादा भाई नौरोजी, फिरोजशाह मेहता, काशीनाथ तैलंग, दीनशा एडलजी वाचा, बी राघवाचारी, एस सुब्रह्मण्यम आदि थे।


प्रथम अधिवेशन में शामिल सदस्यों की विशेषता

बबई में हुए प्रथम अधिवेशन में शामिल 72 प्रतिनिधियों में ज्यादातर ऐसे लोग थे, जो अंग्रेजी पढ़े लिखे थे। इनमें प्रमुख रूप से वकील, व्यापारी और जमींदार श्रेणी के लोग थे।


प्रथम अधिवेशन में उठाई गईं प्रमुख मांगें क्या थीं

➦ केंद्रीय और प्रांतीय विधान परिषदों में विस्तार किया जाए।
 उच्च सरकारी नौकरियों में भारतीयों को भी पूरे अवसर दिए जाएं।
 अंग्रेज सरकार के भारी सैनिक खर्च में कमी की जाए।
 अंग्रेजों के भारतीय प्रशासन की जांच के लिए एक रॉयल कमीशन गठित किया जाए।


कांग्रेस की स्थापना के पीछे किसका हाथ था

लाला लाजपत राय ने 1916 में यंग इण्डिया अखबार में एक लेख लिखा, जिसमें उन्होंने 'कांग्रेस को लार्ड डफरिन के दिमाग की उपज बताया। आरपी दत्त ने भी कांग्रेस की स्थापना को ब्रिटिश सरकार की एक पूर्व निश्चित योजना का परिणाम बताया था।