19 February 'Bihar Closed'
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने बेरोजगारी को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। NCRB डाटा के मुताबिक देश में बेरोजगारी की वजह से हर 2 घंटे में लगभग 3 बेरोजगार खुदकुशी कर रहे हैं।
सुशासन बाबू, अगर आप बिहारी छात्रों की नहीं सुनेंगे तो कौन सुनेगा। केंद्र सरकार ने तो वैसे ही छात्रों की ......... ऊपर से 16 राज्यों ने भी स्थानीय निवास नीति ला कर बिहार के छात्रों के साथ ....। सुशासन बाबू, और एक आप हैं जो प्रधानमंत्री बनने के सपने के चक्कर में सभी राज्यों के छात्रों को तथाकथित बहाली में न्योता दे देते हैं और बिहार के छात्रों के साथ मांसिक, आर्थिक, सामाजिक बलात्कार करते हैं।
एक तो वैसे ही नहीं बिहार में न तो कोई बड़ी कंपनी है, न कोई बड़ा कॉल सेंटर है, और न ही कोई पढ़े-लिखे युवा को रोजगार के अवसर है। आज बेरोजगारी का आलम यह है की ग्रेजुएट, बीएड, एमएड, पोस्ट ग्रेजुएट, पीएचडी करके भी, ............ । और आप जो भी संविदा/नियोजन पर बहाली लेते हैं वे एक अनपढ़ मजदूर को जितना मजदूरी मिलता है लगभग उतना ही तनख्वाह मिलता है। कहीं-कहीं तो इनसे भी कम तनख्वाह मिलती है। और आपने ऐसी व्यवस्था बनायी है की संविदा/नियोजन की बहाली में भी चढ़ावा देना पड़ता है।
सुशासन बाबू, और आपसे दारोगा बहाली प्रश्न पत्र वायरल, धांधली, STET में प्रश्न पत्र वायरल, सिलेबस से बाहर प्रश्न, पर प्रश्न पूछा जाता है तो आपके ही लोग छात्रों का मजाक उड़ाते हैं और साथ ही साथ मांसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। STET में तो आयोग ने हद ही कर दिया, भाई सिलेबस कुछ वोला गया और आया कुछ और, विज्ञान वालों की तो आयोग ने ........, कुछ इसी तरह भौतिकी विषय वालों के साथ भी हुआ।
बिहार एक पिछड़ा राज्य है, ज्यादातर छात्रों के गार्जियन या तो किसान हैं या फिर कम आय वाले। और जब छात्र किसान/कम आय वाले परिवार से आते हैं तो ये आपको भी अच्छे से पता होगा की कैसे छात्र बाहर रहकर पढ़ाई जारी रखते हैं और किस अवस्था में रहते हैं। सुशासन बाबू, हालात ऐसे होते हैं की जिस कमरे में सूर्य की रौशनी भी नहीं पहुँच पाती है, जिस कमरे में एक से ज्यादा छात्र नहीं रह सकते उस कमरे में दो-तीन छात्र रहते हैं और उस स्थिति में भी लगभग हमेशा आर्थिक तंगी से झुजना पड़ता है। हालात ये हैं की छात्र बेचारे अच्छे भोजन के लिए किसी पार्टी या फिर किसी त्यौहार का इन्तेजार करते हैं। एक तो वैसे ही वर्तमान समय में लगभग सारे फॉर्म का चार्ज 500 रू से कम नहीं है।
सुशासन बाबू, ये छात्र सिर्फ अपना हक माँग रहें हैं न की खैरात जो की आपके नेतागण समझ रहें हैं। वर्तमान समय में आपलोग छात्रों को मात्र हँसी का पात्र समझ रहे हैं।
4 फरवरी को क्या हुआ आप सभी इससे वाकिफ हैं। दारोगा बहाली के एग्जाम में गड़बड़ी को लेकर अभ्यर्थियों ने 4 फरवरी जमकर प्रदर्शन किया। दारोगा अभ्यर्थियों ने परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए पटना की सड़कों पर उतरे। प्रदर्शन कर रहे दारोगा अभ्यर्थियों ने पूरा कारगिल चौक जाम कर दिये।
प्रशासन ने इस प्रदर्शन को तत्काल बंद करने का अल्टीमेटम दे दिया। हालांकि सरकार को अभ्यर्थियों की बातों/तथ्यों पर ध्यान देना चाहिए। यहाँ पर हम आपको बताते चलें की अभ्यर्थियों ने कई बार इससे सम्बन्धित पदाधिकारियों, सरकार और विपक्ष में बैठे लोगों को अपनी बातों और तथ्यों को इससे अवगत कराया गया लेकिन इनकी कहीं पर भी नहीं सुनी गई अंत में मजबूरी में अभ्यर्थियों द्वारा यह उठाया गया कदम था।
एक तरफ बिहार के सीएम नीतीश कुमार दिल्ली विधानसभा चुनाव में सुशासन का राग अलाप रहे थे। दूसरी ओर दारोगा बहाली में मचे धांधली के विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज करवा रहे थे। नीतीश सरकार के इस दोहरे रवैये की आलोचना राजधानी पटना सहित सभी स्तरों पर की जा रही है। वायरल वीडियो में देखा जा सकता हैं कि भाग रहे अभ्यर्थियों की क्रूरतापूर्वक पिटाई, आंसू गैस/टियर गैस से हमला, पानी की बौछार गई। वहीं सात छात्रों की गिरफ्तारी, 200 अज्ञात के खिलाफ गांधी मैदान थाने में एफआईआर दर्ज की गई।
13 फरवरी को भी कई हजार छात्रों द्वारा दारोगा बहाली में मचे धांधली के विरोध में प्रदर्शन .......... नतीजन 5 एफआईआर, मांसिक प्रताड़ना, .......।
बात सिर्फ दारोगा बहाली या STET, BSSC की नहीं है। सबको ये बात पता है कि बिहार के हर एग्जाम का प्रश्न पत्र वायरल व सेटिंग होता है। मगर जो दारोगा PT में सेलेक्ट हुए हैं और जिनका STET में 100+ है वो अभी ......... । बिहार STET को ही देख लीजिये, 2011 के बाद 2019 के अंत में आया यानी पुरे 8 साल लगा दिये आते-आते उसमें भी रायता फैला ......। बिहार SSC 2014 में ही बहाली आई थी क्या हो रहा है ......?
छात्र आंदोलन को आपसे बेहतर कौन समझ सकता है। लालू यादव, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान और सुशील कुमार मोदी, आज के सारे नेता उसी छात्र युवा संघर्ष (सम्पूर्ण क्रान्ति, जयप्रकाश नारायण) वाहिनी का हिस्सा थे। और आप उसी छात्र आंदोलन को अवेहलना कर रहें हैं।
स्वतंत्रता पूर्व और स्वात्रंत्योत्तर भारत में जितने भी परिवर्तनकारी सामाजिक आंदोलन हुए, उनमें छात्रों की भूमिका बहुत अहम रही है। कुछ ऐसे आंदोलन भी हुए जो पूर्णत: छात्रों के हितों के लिए खड़े किए गए और उनमें समाज के व्यापक हिस्से की भागीदारी नहीं थी, फिर भी इन आंदोलनों ने समाज को झकझोर कर रख दिया और बहुत गहरे में दबे असंतोष को खुलकर आवाज दी। इनमें जेपी आंदोलन को प्रमुख माना जा सकता है, जिसने देश की तात्कालिक तस्वीर बदल कर रख दी। आज भी जेपी आंदोलन को एक नजीर की तरह पेश किया जाता है।
सुशासन बाबू, हालात को समझिये छात्र अपना हक मांग रहे हैं, यूँ छात्रों को प्रताड़ना/वरगालाना बंद करें। सत्ता के नशे से जागिये ...........।
19 फरवरी को होनेवाली बंद के दौरान आप सब से अपील है की किसी भी प्रकार के उसकाबे में न आयें और हिंसा का प्रयोग तो एकदम ही नहीं करेंगे और न करने दें। संवैधानिक दायरे में रहते हुए बिना हिंसा किये हुए अपना बिरोद्ध प्रकट करें। यह याद रहे यह लड़ाई सिर्फ दारोगा छात्रों या फिर STET छात्रों की नहीं है बल्कि बिहार से ताल्लुक रखने वाले हर एक छात्र का है।
स्वतंत्रता पूर्व और स्वात्रंत्योत्तर भारत में जितने भी परिवर्तनकारी सामाजिक आंदोलन हुए, उनमें छात्रों की भूमिका बहुत अहम रही है। कुछ ऐसे आंदोलन भी हुए जो पूर्णत: छात्रों के हितों के लिए खड़े किए गए और उनमें समाज के व्यापक हिस्से की भागीदारी नहीं थी, फिर भी इन आंदोलनों ने समाज को झकझोर कर रख दिया और बहुत गहरे में दबे असंतोष को खुलकर आवाज दी। इनमें जेपी आंदोलन को प्रमुख माना जा सकता है, जिसने देश की तात्कालिक तस्वीर बदल कर रख दी। आज भी जेपी आंदोलन को एक नजीर की तरह पेश किया जाता है।
सुशासन बाबू, हालात को समझिये छात्र अपना हक मांग रहे हैं, यूँ छात्रों को प्रताड़ना/वरगालाना बंद करें। सत्ता के नशे से जागिये ...........।
19 फरवरी को होनेवाली बंद के दौरान आप सब से अपील है की किसी भी प्रकार के उसकाबे में न आयें और हिंसा का प्रयोग तो एकदम ही नहीं करेंगे और न करने दें। संवैधानिक दायरे में रहते हुए बिना हिंसा किये हुए अपना बिरोद्ध प्रकट करें। यह याद रहे यह लड़ाई सिर्फ दारोगा छात्रों या फिर STET छात्रों की नहीं है बल्कि बिहार से ताल्लुक रखने वाले हर एक छात्र का है।
राजीव रंजन
नई दिल्ली
18 फरवरी 2020