US places India on IP 'Priority Watch List'
अमेरिका ने 25 अप्रैल 2019 को भारत को बौद्धिक संपदा (आईपी) अधिकारों के उल्लंघन के लिए ऐसे देशों की सूची में रखा है, जिनकी वह इस मामले में प्राथमिकता के साथ निगरानी करेगा।
अमेरिका के अनुसार भारत ने अपने यहाँ बौद्धिक संपदा संरक्षण व्यवस्था को लेकर लंबे समय से चली आ रही शिकायतों से निपटने की दिशा में अभी कोई उल्लेखीय सुधार नहीं किया है। इससे अमेरिकी पेटेंटधारकों का अधिकार प्रभावित हुआ है।
मुख्य बिंदु
➦ अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधित्व (यूएसटीआर) ने अपनी रिपोर्ट में भारत सहित 11 देशों को प्राथमिक निगरानी सूची में रखा है। इस सूची में अन्य देशों में अल्जीरिया, अर्जेंटीना, चिली, चीन, इंडोनेशिया, कुवैत, रूस, सऊदी अरब, यूक्रेन और वेनेजुएला शामिल हैं।
➦ इसके अलावा यूएसटीआर ने पाकिस्तान और तुर्की सहित 25 देशों को निगरानी सूची में रखा है। बौद्धिक संपदा के संरक्षण और प्रवर्तन के मामले में भारत दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से है।
➦ अमेरिका ने कहा कि आईपी से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए इन देशों को यूएसटीआर से द्विपक्षीय संपर्क बढ़ाना होगा।
➦ आगामी सप्ताहों में अमेरिका कई साल से प्राथमिक निगरानी सूची में शामिल देशों के प्रावधानों को अपने व्यापार कानून विशेष 301 की कसौटी पर परखेगा. ऐसे देश, जो अमेरिका की चिंता को दूर करने में विफल पाए जाते हैं उनके खिलाफ वह व्यापारिक कार्रवाई कर सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार भारत: एक नजर में
भारत के बारे में यूएसटीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी कंपनियों को लंबे समय से भारत में आईपी से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे विशेषरूप से वहाँ फार्मास्युटिकल्स क्षेत्र के नवोन्मेषकों को पेटेंट पाने और उसे कायम रखने में दिक्कतें आ रही हैं।
भारत दूसरे स्थान पर
चीन इस सूची में पहले स्थान पर है. भारत को दूसरा स्थान मिला है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बौद्धिक संपदा के फ्रेमवर्क में लंबे समय से खामियां रही हैं। इसमें पेटेंट को लेकर होने वाली समस्याएं, कॉपीराइट, ट्रेड सीक्रेट और नियमों को लागू करने तक कई मुद्दे हैं।