World Malaria Day on 25th April
विश्व मलेरिया दिवस पूरे विश्व में 25 अप्रैल 2019 को मनाया गया। इस दिवस को 'मलेरिया' जैसी गम्भीर बीमारी की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट करने के लिए मनाया जाता है।
इस दिवस का मुख्य उद्देश्य मलेरिया से लोगों को जागरूक और उनकी जान की रक्षा करना है। यह दिवस मलेरिया निवारण और नियंत्रण के लिए सतत निवेश और राजनीतिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता रेखांकित करने के लिए मनाया गया।
विश्व मलेरिया दिवस की थीम
विश्व मलेरिया दिवस एक विशेष विषय पर केंद्रित होता है। इस साल 2019 में विश्व मलेरिया दिवस की थीम “जीरो मलेरिया स्टार्ट्स विथ मी (Zero malaria starts with me)” है। इसका मतलब है कि मलेरिया को खत्म करने के लिए सभी व्यक्तियों को अपने स्तर पर प्रयास करने चाहिए और इसकी शुरुआत वो अपने से करें. यानी पहले अपने आसपास इस बीमारी के खतरे को कम करके आगे बढ़े।
मलेरिया दिवस क्यों मनाया जाता है?
प्रत्येक साल विश्व मलेरिया दिवस मनाने का उद्देश्य मलेरिया को नियंत्रित करने के विश्वव्यापी प्रयासों को मान्यता देता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, कुल 106 देशों में 3.3 बिलियन लोगों को मलेरिया का खतरा है। एशिया, लैटिन अमेरिका और कुछ हद तक मध्य पूर्व के साथ-साथ यूरोप के कुछ हिस्से भी इस जानलेवा बीमारी से प्रभावित हैं।
पहली बार विश्व मलेरिया दिवस
पहली बार 'विश्व मलेरिया दिवस' 25 अप्रैल 2008 को मनाया गया था। यूनिसेफ द्वारा इस दिन को मनाने का उद्देश्य मलेरिया जैसे खतरनाक रोग पर जनता का ध्यान केंद्रित करना था, जिससे हर साल लाखों लोग मरते हैं।
मलेरिया को 2030 तक खत्म करने की तैयारी
भारत ने साल 2030 तक मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। जबकि साल 2027 तक पूरे देश को मलेरिया मुक्त बनाया जाएगा। इसके लिए शासन स्तर पर कई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
सबसे ज्यादा मलेरिया रोगी नाइजीरिया में
अफ्रीकी देश नाइजीरिया में मलेरिया के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। विश्व की 27 फीसदी मलेरिया पीड़ित लोग नाइजीरिया में रहते हैं। इस सूची में दूसरे स्थान पर अफ्रीका का ही कांगो गणराज्य काबिज है। यहाँ वैश्विक आंकड़ों की 10 फीसदी मलेरिया पीड़ित आबादी है. जबकि तीसरे स्थान पर छह फीसदी आबादी के साथ भारत काबिज है। चौथे स्थान पर चार फीसदी मरीजों के साथ मोजांबिक और चार फीसदी के साथ घाना है।
विश्व मलेरिया दिवस के बारे में
विश्व मलेरिया दिवस वर्ष 2007 में विश्व स्वास्थ्य सभा के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सदस्य राष्ट्रों द्वारा शुरू किया गया था। यह दिवस प्रतिवर्ष 25 अप्रैल को मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मलेरिया से सर्वाधिक प्रभावित शीर्ष पांच देश नाइजीरिया, कांगो लोकतांत्रिक गणतंत्र, मोजाम्बिक, बर्किना फासो और सियरा लियोन हैं।
मलेरिया क्या है?
मलेरिया एक मच्छरजन्य प्लासमोडियम परजीवी से उत्पन्न रोग है, जो रक्त-कोशिकाओं को संक्रमित करता है। मलेरिया सबसे प्रचलित संक्रामक रोगों में से एक है तथा भंयकर जन स्वास्थ्य समस्या है। मलेरिया सबसे अधिक मच्छर के काटने से फैलता है। जिस व्यक्ति को मलेरिया होता है, उसे काटने से मच्छर संक्रमित हो जाता है। जब यह मच्छर आपको भविष्य में काटता है, तो यह आपके लिए मलेरिया परजीवी को प्रसारित करने की प्रवृत्ति रखता है।
मलेरिया के परजीवी का वाहक मादा एनोफिलेज (Anopheles) मच्छर है। इसका इलाज और रोकथाम की जा सकती है। मलेरिया के आम लक्षण बुखार, ठंड लगना, उल्टी होना, मिचली, बदन-दर्द, सिर-दर्द, खाँसी और दस्त है।