Indian journalist Ravish Kumar wins 2019 Ramon Magsaysay Award
वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार को 2019 का प्रतिष्ठित ‘रेमन मैग्सेसे’ सम्मान हेतु नामित किया गया है। यह सम्मान एशिया में साहसिक एवं परिवर्तनकारी नेतृत्व के लिए दिया जाता है। रवीश कुमार को यह सम्मान "बेआवाजों की आवाज’ बनने के लिए तथा हिंदी टीवी पत्रकारिता में उनके योगदान को देखते हुए दिया गया है।
रवीश कुमार हिन्दी न्यूज चैनल एनडीटीवी इंडिया के सबसे प्रमुख चेहरा हैं। रवीश कुमार के अतिरिक्त 2019 का मैग्सेसे अवॉर्ड म्यांमार के को स्वे विन, थाईलैंड के अंगखाना नीलापाइजित, फिलीपीन्स के रेमुन्डो पुजांते तथा दक्षिण कोरिया के किम जोंग-की को भी मिला है।
रवीश कुमार ऐसे छठे पत्रकार
'रेमन मैग्सेसे पुरस्कार के मामले में रवीश कुमार ऐसे छठे पत्रकार हैं जिनको यह पुरस्कार मिला है। इससे पहले यह पुरस्कार अमिताभ चौधरी (साल 1961), बीजी वर्गीज (साल 1975), अरुण शौरी (साल 1982), आरके लक्ष्मण (साल 1984), पी. साईंनाथ (साल 2007) को मिल चुका है।
रेमन मैग्सेस अवॉर्ड फाउंडेशन ने रवीश कुमार की पत्रकारिता को सबसे अच्छा, सत्य के प्रति निष्ठा, ईमानदार एवं निष्पक्ष बताया है। फाउंडेशन ने कहा है कि रवीश कुमार ने बेजुबानों को आवाज दी है।
पिछला भारतीय विजेता
इससे पहले बेहतरीन पत्रकारिता के लिए पी साईनाथ को भी मैग्सेसे सम्मान मिल चुका है। इसके अतिरिक्त दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, अरुणा रॉय और संजीव चतुर्वेदी समेत कई भारतीयों को मिला है।
रेमन मैगसेसे पुरस्कार
रेमन मैगसेसे पुरस्कार एशिया के व्यक्तियों और संस्थाओं को उनके अपने क्षेत्र में विशेष रूप से उल्लेखनीय कार्य करने हेतु प्रदान किया जाता है। इसे प्राय: एशिया का नोबेल पुरस्कार भी कहा जाता है। यह पुरस्कार फिलीपीन्स के भूतपूर्व राष्ट्रपति रैमॉन मैगसेसे की याद में दिया जाता है। यह पुरस्कार न्यूयॉर्क स्थित ‘रॉकफेलर ब्रदर्स फण्ड’ के ट्रस्टियों द्वारा साल 1957 में स्थापित किया गया था।
रवीश कुमार के बारे में
रवीश कुमार का जन्म 5 दिसम्बर 1974 को मोतिहारी, बिहार में हुआ था। वे एक भारतीय टीवी एंकर, लेखक और पत्रकार हैं। वे भारतीय राजनीति एवं समाज से संबंधित विषयों को मुखरता के साथ जनता के सामने रखते हैं। रवीश एनडीटीवी समाचार नेटवर्क के हिंदी समाचार चैनल 'एनडीटीवी इंडिया' में वरिष्ठ कार्यकारी संपादक है। रवीश कुमार साल 1996 से एनडीटीवी से जुड़े रहे हैं। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने साल 2016 में अपनी 100 सबसे प्रभावशाली भारतीयों की सूची में उन्हें भी शामिल किया था।