एक तरफ बिहार के सीएम नीतीश कुमार दिल्ली विधानसभा चुनाव में सुशासन का राग अलाप रहे हैं। दूसरी ओर दारोगा बहाली में मचे धांधली के विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज करवा रहे हैं। नीतीश सरकार के इस दोहरे रवैये की आलोचना राजधानी पटना सहित सभी स्तरों पर की जा रही हैं। वायरल वीडियो में देखा जा सकता हैं कि भाग रहे अभ्यर्थियों की क्रूरतापूर्वक पिटाई, आंसू गैस/टियर गैस से हमला, पानी की बौछार गई हैं। वहीं छह छात्रों की गिरफ्तारी, 200 अज्ञात के खिलाफ गांधी मैदान थाने में एफआईआर दर्ज की।
बीते साल 22 दिसंबर को दिसंबर को बिहार में दारोगा बहाली की परीक्षा आयोजित हुए थे। इस परीक्षा के दौरान प्रश्न-पत्र व ओएमआर शिट लिक होने का दावा अभ्यर्थी कर रहे थे। दिसंबर में भी इसके खिलाफ हंगामा हुआ था। लेकिन, प्रशासन ने उस समय आरोप को एक सिरे से नकार दिया था। इस बार भी ऐसा ही हुआ, आयोग के विशेष कार्य पदाधिकारी (ओएसडी) अशोक कुमार प्रसाद ने सिरे से आरोप खारिज कर दिया
शांतिपूर्ण था प्रदर्शन
मंगलवार को छात्रों द्वारा दारोगा बहाली परीक्षा में हुई धांधली के विरोध में कारगिल चौक पर धरना कर रही थे। यह प्रदर्शन पूर्णतः शांतिपूर्ण था। अभ्यर्थियों की मांग थी कि दारोगा बहाली की परीक्षा रद्द कर जाँच करवाई जाए। लेकिन, प्रशासन ने अभ्यर्थियों की बात सुनने से अधिक अपनी क्रूरता पर विश्वास किया।
दोपहर बाद भरी संख्या में पुलिस बल घटना स्थल पर पहुँची। यहाँ प्रदर्शनकारियों पर पहले वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद भीड़ तीतर-बितर हो गई। लेकिन, पुलिस की बदतमीजी यहाँ नहीं रुकी। पुलिस ने इसके बाद एक-एक अभ्यर्थियों को पहचानना आरम्भ कर दिया। साथ ही, सभी को बुरी तरह पिटा गया।
दारोगा बहाली प्रक्रिया विवादों में
बिहार के किसी भी परीक्षा में विवाद होना अब आम हो गया है। ताजा दारोगा बहाली परीक्षा भी इससे अछूता नहीं हैं। कई लोग बिहार में आयोजित की जानेवाली परीक्षाओं को ‘पंचवर्षीय योजना’ कहकर खिल्ली उड़ाते हैं। बिहार में दारोगा बहाली को लेकर एक चर्चा आम हैं और वह हैं 20-25 लाख रूपये के एवज में दारोगा बहाली हो रही हैं। फिलहाल दरोगा बहाली लिखित परीक्षा का रिजल्ट जारी किया जा चुका हैं। अभ्यर्थियों का ये भी आरोप हैं कि धांधली की वजह से कटऑफ हाई चली गई हैं। यह याद रहे की दारोगा बहाली प्रक्रिया पहले भी विवादों में रहा है