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🎤 "शब्दों से आगे की विदाई...."

 

"अंत नहीं, एक नई शुरुआत है…"

 


प्रिय विद्यार्थियों,

कुछ विदाइयाँ शब्दों में नहीं समातीं… वो सिर्फ अनुभव की जाती हैं। आज का दिन भी कुछ ऐसा ही है। B.Ed. एक कोर्स नहीं है, यह आत्मा की तैयारी है, यह एक वादा है। वादा उस समाज से, कि आप हर बच्चे को केवल शिक्षा नहीं देंगे, बल्कि संस्कार भी देंगे। आप ज्ञान के वाहक नहीं, बल्कि आशा के दीपक बनेंगे। यह वह साधना है, जिसमें आप सिर्फ शिक्षक नहीं बनते — बल्कि किसी के जीवन में ‘प्रकाश’ बनने की क्षमता अर्जित करते हैं।आपने दो वर्ष बिताए, लेकिन असल में ये दो साल एक शिक्षक और एक विद्यार्थी के बीच एक आदर्श रिश्ते की नींव थे।

यहाँ आप डिग्री के लिए आए थे, लेकिन जाते-जाते आप सपनों के शिक्षक बन चुके हैं। कुछ चेहरों पर मुस्कान है, कुछ पर संतोष, और कुछ पर शायद ये सोच कि "चलो जान छूटी..." अभी तक जिन क्लासेस में टाइम पास लगता था, अब वही क्लासरूम याद आएंगे। जिन टीचर्स के तानों से चिढ़ होती थी, आज उन्हीं तानों में छुपी सीख समझ आने लगी है। कभी–कभी आपको लगता होगा कि आप सिर्फ डिग्री लेने आए थे। पर असली सवाल तो ये है—क्या आप सच में “शिक्षक” बनकर जा रहे हैं? या फिर सिर्फ वो इंसान जो फॉर्म भरेंगे, इंटरव्यू देंगे, और एक “सरकारी पोस्ट” की तलाश में खो जाएंगे? यहाँ से विदा लेते वक्त अगर आपके अंदर थोड़ा भी अपराधबोध, थोड़ा सा भी बदलाव और थोड़ा सा भी जुनून बचा है… तो यकीन मानिए, आप एक सच्चे शिक्षक बनने की राह पर हैं। वरना तो बस, एक और बैच गया… और सिस्टम में एक और नाम जुड़ गया।

B.Ed. करना एक डिग्री है, लेकिन शिक्षक बनना एक जिम्मेदारी है। आपके शब्द, आपकी चुप्पी, आपकी सोच – अब किसी की दिशा तय करेगी। याद रखना, हर बार जब आप क्लास में जाएंगे, आपके सामने सिर्फ स्टूडेंट्स नहीं होंगे – किसी मां का सपना, किसी पिता की उम्मीद, और समाज का भविष्य होगा। आपको सिर्फ विषय नहीं पढ़ाना है, बल्कि मूल्य, संवेदना, और इंसानियत भी देना है। क्योंकि आने वाले समय को सिर्फ ज्ञानी नहीं, अच्छे इंसान चाहिए – और वो इंसान आप बन सकते हैं।

शिक्षक वह नहीं जो पढ़ाए, शिक्षक वो है जो छू ले —
बिना कहे, बिना बोले, बस मौजूद रहकर।

एक शिक्षक की भूमिका केवल किताबों तक सीमित नहीं होती। वो बच्चों की मुस्कान में, उनकी हिम्मत में, और उनके सपनों में बसती है। शिक्षक वो होता है जो केवल उत्तर नहीं देता, बल्कि किसी के अंदर प्रश्न पैदा करता है। जो रास्ता नहीं दिखाता, बल्कि चलना सिखाता है। जो ज्ञान नहीं थोपता, बल्कि सोचने की आजादी देता है।

मेरे प्यारे विद्यार्थियों, जब आप कल स्कूल में प्रवेश करेंगे, वहां बच्चे होंगे — मासूम, जिज्ञासु, और आपके स्पर्श से आकार लेते हुए। आपके शब्द, उनका आत्मविश्वास बन सकते हैं। आपकी मुस्कान, उनकी उम्मीद बन सकती है। आपका धैर्य, उनकी जिंदगी की दिशा तय कर सकता है। याद रखिए — शिक्षक बनने से पहले इंसान बनिए। सफलता की सीढ़ी पर चढ़ते समय विनम्रता न छोड़िए। और जब आप रौशनी बन जाएं, तब भी दूसरों के अंधेरे को समझना मत भूलिए। क्योंकि एक सच्चा शिक्षक वही होता है, जो अपने छात्रों से भी सीखता है।

हम इस रिश्ते को यहीं नहीं छोड़ रहे हैं। आज आप भले इस संस्थान से जा रहे हैं, लेकिन हमारा साथ, हमारी शुभकामनाएँ और मेरी भूमिका आपके जीवन में बनी रहेगी।

अगर कभी जिंदगी उलझ जाए, तो इस शिक्षक की छाया तब भी आपके साथ होगी। मेरे दरवाजे, मेरी सोच, और मेरा आशीर्वाद हमेशा आपके लिए खुले रहेंगे।

मैं आप सभी को दिल से शुभकामनाएं देता हूं। जहां भी जाएं, सच्चाई के साथ चलें। सफलता के साथ विनम्रता रखें। और शिक्षक बनकर भी, हमेशा विद्यार्थी बने रहें। मैं आपको सिर्फ विदा नहीं कर रहा….. मैं आपको भविष्य की ओर सौंप रहा हूं — विश्वास के साथ, प्रेम के साथ, और इस वादे के साथ……👉कि हम हमेशा आपके साथ हैं।

आशीर्वाद और शुभकामनाओं सहित, आपका शिक्षक… सदा के लिए।
                                                                                                                  

डॉराजीव रंजन