Subscribe Us

header ads

HISTORY OF BIHAR (Bihar GK, Part-11)

Bihar Samanya Gyan 

Bihar Samanya Gyan      ब्राह्मण वंश (185-60 ई०पू०)    ☆ शुंग वंश  -  185-75 ई०पू०    ☆ कण्व वंश  -  75-30 ई०पू०    ☆ सातवाहन वंश  -  60 ई०पू०      शुंग वंश (185-75 ई०पू०)    ☆ संस्थापक  -  पुष्यमित्र शुंग    ☆ राजधानी  -  पाटलिपुत्र एवं विदिशा    ☆ पुष्यमित्र शुंग  -  184-148 ई०पू०    ☆ अग्निमित्र शुंग  -  148-140 ई०पू०    ☆ वसुज्येष्ठ या सुज्येष्ठ  -  ई०पू०    ☆ वसुमित्र   -  ई०पू०    ☆ वसुमित्र के उत्तराधिकारी (वसुमित्र के बाद आन्ध्रक, पुलिंदक, घोष तथा फिर वज्रमित्र क्रमशः राजा हुए, इस वंश का नौवां शासक भागवत या भागभद्र हुआ)  देवभूति (अंतिम शासक)  -  85-75 ई०पू०      कण्व वंश (75-30 ई०पू०)    ☆ संस्थापक  -  वासुदेव कण्व     ☆ वासुदेव कण्व  -  75-66 ई०पू०    ☆ भूमिमित्र  -  66-52 ई०पू०    ☆ नारायण  -  52-40 ई०पू०    ☆ सुशर्मा (अंतिम शासक)  -  40-30 ई०पू      गुप्त वंश (320-550 ई०)    ☆ संस्थापक  -  चन्द्रगुप्त प्रथम    ☆ राजधानी  -  संभवतः पाटलिपुत्र    ☆ चंद्रगुप्त प्रथम -  320-335 ई०    ☆ समुद्रगुप्त  -  335-375 ई०    ☆ रामगुप्त   -  375-380 ई०    ☆ चन्द्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य)  -  380-413 ई०    ☆ कुमारगुप्त महेन्द्रादित्य  -  415-455 ई०    ☆ स्कंदगुप्त  -  455-467 ई०    ☆ पुरुगुप्त  -  467-476 ई०    ☆ कुमारगुप्त द्वितीय  -  467-477 ई०    ☆ बुद्धगुप्त   -  477-495 ई०    ☆ नरसिंहगुप्त बालाद्वित्य  -  (नरसिंह गुप्त बालादित्य के समय साम्राज्य तीन भागों क्रमशः मगध, मालवा और बंगाल में बंट गया, मगध में नरसिंहगुप्त, मालवा क्षेत्र में भानुगुप्त और बंगाल क्षेत्र वैन्युगुप्त ने अपने स्वतंत्र शासन स्थापित कर लिया था)    ☆ कुमारगुप्त तृतीय     ☆ विष्णुगुप्त (अंतिम शासक)  -  543-550 ई०      परवर्ती गुप्त वंश    ☆ संस्थापक  -  कृष्णगुप्त    ☆ कृष्णगुप्त  -  510-525 ई०    ☆ हर्षगुप्त  -  525-555 ई०    ☆ जीवितगुप्त  -  525-555 ई०    ☆ माधवगुप्त  -  650 ई०    ☆ आदित्यसेन  -  650-675 ई०    ☆ जीवितगुप्त (अंतिम शासक)  -  725 ई०      पाल वंश    ☆ संस्थापक - गोपाल    ☆ राजधानी  -  मुंगेर    ☆ गोपाल  -  750-770 ई०    ☆ धर्मपाल  -  770-810 ई०    ☆ देवपाल  -  810-850 ई०    ☆ विग्रहपाल  -  850-854 ई०    ☆ नारायणपाल  -  854-908 ई०    ☆ गोपाल द्वितीय - 908-988 ई०    ☆ महिपाल प्रथम (इस वंश का द्वितीय संस्थापक)  -  988-1038 ई०    ☆ जयपाल  -  1038-1055 ई०    ☆ विग्रहपाल तृतीय  -  1055-1070 ई०    ☆ रामपाल (संभवतः अंतिम शासक) - 1120 ई तक    ☆ रामपाल के उत्तराधिकारी (कुमारपाल, गोपाल तृतीय, मदनपाल)  -  1161 ई० तक      मिथिला के कर्नाट वंश    ☆ संस्थापक  -  नन्यदेव    ☆ राजधानी  -  सिमराँवगढ    ☆ रामसिंह देव  -  1227-1250 ई०    ☆ हरिसिंह देव  -  1278-1325 ई०      अन्य राज्य एवं राजवंश    ☆ चेरो राजवंश  -  शाहाबाद व पलामू    ☆ उज्जैन वंश  -  भोजपुर    ☆ नुहानी वंश  -  बिहार    ☆ शुर वंश  - सासाराम    ☆ गिद्धौर वंश  -  गिद्धौर    ☆ दरभंगा वंश  -  मिथिला    ☆ टेहरी  -  गया    ☆ हथुआ  -  गोपालगंज    ☆ बनैली  -  पूर्णिया    ☆ डुमरांव  -  डुमरांव    ☆ जगदीशपुर  -  जगदीशपुर    ☆ गंधवार वंश -  दरभंगा    ☆ भगवानपुर  -  शाहबाद    ☆ बरारी  -  बरारी    ☆ देव  -  औरंगाबाद    ☆ बाघी  -  मुजफ्फरपुर    ☆ बेतिया  -  बेतिया    ☆ शिवहर  -  शिवहर    ☆ बबलापुर  -  पटना जिला    ☆ सुरसंड  -  सुरसंड    ☆ ओइनारा वंश  -  तिरहुत    यह भी पढ़ें:- HISTORY OF BIHAR

ब्राह्मण वंश (185-60 ई०पू०)

☆ शुंग वंश  -  185-75 ई०पू०

☆ कण्व वंश  -  75-30 ई०पू०

☆ सातवाहन वंश  -  60 ई०पू०


शुंग वंश (185-75 ई०पू०)

☆ संस्थापक  -  पुष्यमित्र शुंग

☆ राजधानी  -  पाटलिपुत्र एवं विदिशा

☆ पुष्यमित्र शुंग  -  184-148 ई०पू०

☆ अग्निमित्र शुंग  -  148-140 ई०पू०

☆ वसुज्येष्ठ या सुज्येष्ठ  -  ई०पू०

☆ वसुमित्र   -  ई०पू०

☆ वसुमित्र के उत्तराधिकारी (वसुमित्र के बाद आन्ध्रक, पुलिंदक, घोष तथा फिर वज्रमित्र क्रमशः राजा हुए, इस वंश का नौवां शासक भागवत या भागभद्र हुआ)
देवभूति (अंतिम शासक)  -  85-75 ई०पू०


कण्व वंश (75-30 ई०पू०)

☆ संस्थापक  -  वासुदेव कण्व 

☆ वासुदेव कण्व  -  75-66 ई०पू०

☆ भूमिमित्र  -  66-52 ई०पू०

☆ नारायण  -  52-40 ई०पू०

☆ सुशर्मा (अंतिम शासक)  -  40-30 ई०पू


गुप्त वंश (320-550 ई०)

☆ संस्थापक  -  चन्द्रगुप्त प्रथम

☆ राजधानी  -  संभवतः पाटलिपुत्र

☆ चंद्रगुप्त प्रथम -  320-335 ई०

☆ समुद्रगुप्त  -  335-375 ई०

☆ रामगुप्त   -  375-380 ई०

☆ चन्द्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य)  -  380-413 ई०

☆ कुमारगुप्त महेन्द्रादित्य  -  415-455 ई०

☆ स्कंदगुप्त  -  455-467 ई०

☆ पुरुगुप्त  -  467-476 ई०

☆ कुमारगुप्त द्वितीय  -  467-477 ई०

☆ बुद्धगुप्त   -  477-495 ई०

☆ नरसिंहगुप्त बालाद्वित्य  -  (नरसिंह गुप्त बालादित्य के समय साम्राज्य तीन भागों क्रमशः मगध, मालवा और बंगाल में बंट गया, मगध में नरसिंहगुप्त, मालवा क्षेत्र में भानुगुप्त और बंगाल क्षेत्र वैन्युगुप्त ने अपने स्वतंत्र शासन स्थापित कर लिया था)

☆ कुमारगुप्त तृतीय 

☆ विष्णुगुप्त (अंतिम शासक)  -  543-550 ई०


परवर्ती गुप्त वंश

☆ संस्थापक  -  कृष्णगुप्त

☆ कृष्णगुप्त  -  510-525 ई०

☆ हर्षगुप्त  -  525-555 ई०

☆ जीवितगुप्त  -  525-555 ई०

☆ माधवगुप्त  -  650 ई०

☆ आदित्यसेन  -  650-675 ई०

☆ जीवितगुप्त (अंतिम शासक)  -  725 ई०


पाल वंश

☆ संस्थापक - गोपाल

☆ राजधानी  -  मुंगेर

☆ गोपाल  -  750-770 ई०

☆ धर्मपाल  -  770-810 ई०

☆ देवपाल  -  810-850 ई०

☆ विग्रहपाल  -  850-854 ई०

☆ नारायणपाल  -  854-908 ई०

☆ गोपाल द्वितीय - 908-988 ई०

☆ महिपाल प्रथम (इस वंश का द्वितीय संस्थापक)  -  988-1038 ई०

☆ जयपाल  -  1038-1055 ई०

☆ विग्रहपाल तृतीय  -  1055-1070 ई०

☆ रामपाल (संभवतः अंतिम शासक) - 1120 ई तक

☆ रामपाल के उत्तराधिकारी (कुमारपाल, गोपाल तृतीय, मदनपाल)  -  1161 ई० तक


मिथिला के कर्नाट वंश

☆ संस्थापक  -  नन्यदेव

☆ राजधानी  -  सिमराँवगढ

☆ रामसिंह देव  -  1227-1250 ई०

☆ हरिसिंह देव  -  1278-1325 ई०


अन्य राज्य एवं राजवंश

☆ चेरो राजवंश  -  शाहाबाद व पलामू

☆ उज्जैन वंश  -  भोजपुर

☆ नुहानी वंश  -  बिहार

☆ शुर वंश  - सासाराम

☆ गिद्धौर वंश  -  गिद्धौर

☆ दरभंगा वंश  -  मिथिला

☆ टेहरी  -  गया

☆ हथुआ  -  गोपालगंज

☆ बनैली  -  पूर्णिया

☆ डुमरांव  -  डुमरांव

☆ जगदीशपुर  -  जगदीशपुर

☆ गंधवार वंश -  दरभंगा

☆ भगवानपुर  -  शाहबाद

☆ बरारी  -  बरारी

☆ देव  -  औरंगाबाद

☆ बाघी  -  मुजफ्फरपुर

☆ बेतिया  -  बेतिया

☆ शिवहर  -  शिवहर

☆ बबलापुर  -  पटना जिला

☆ सुरसंड  -  सुरसंड

☆ ओइनारा वंश  -  तिरहुत